फास्ट फूड | Fast Food and Health | Ritwik Singh Chandel | Fast Food | Junk Food | Unhealthy Food

फास्ट फूड और सेहत | ऋत्विक सिंह चंदेल | Fast Food and Health | Ritwik Singh Chandel

फास्ट फूड और सेहत

खान पान का हमारे मन मस्तिष्क पर असर पड़ता है। हम जैसा खाते हैं धीरे धीरे हमारी सोच भी वैसी होती जाती है। आजकल फास्ट फूड और जंक फूड का बडाचलन बन गया है। लोग बड़े शान से कहते हैं कि उन्हें मैगी, बर्गर, पिज्जा, चिप्‍स आदि पसंद हैं। फास्ट फूड यानि जो खाना जल्दी से उपलब्ध हो जाये। यह हमें जल्दी और आसानी से उपलब्ध जरूर हो जाता हैं लेकिन हमारी सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता।

आज के समय में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की फास्ट फूड दिलचस्पी दिखाई देने लगी है। फास्ट फूड से होने वाले नुकसान को कमोबेश सभी जानते है फिर भी इनकी लोकप्रियता दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही। इसका चलन इतना बढ़ गया है कि कई घरों में तो बच्चे दाल-चावल-सब्‍जी खाना पसंद ही नहीं करते जिससे माताओं को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। इसीलिए जब बच्चे भोजन करना शुरू करते है तब से ही उन्हें पौष्टिक आहार देना शुरू करें। इस तरह के भोजन का स्वाद ही न चखने दें। बच्चे तो वही सीखते हैं जो हम उन्हें सिखाते हैं। वे कच्चे घड़े के समान होते हैं, हम जैसा मोड़ना चाहें उसी प्रकार मोड़ सकते हैं।

फास्ट फूड से शरीर में तरह तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कभी कभी हमारे न थके होने बावजूद सुस्ती महसूस होती है। ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है। त्वचा को भी काफी नुकसान पहुंचता है। चेहरे पर कई तरह के दाग धब्बे और पिम्पल्स आ जाते हैं। फास्ट फूड का सेवन करने से हार्मोन्स भी संतुलित नहीं रहते। नींद की समस्या भी होती है जिससे चिड़चिडाप़न बना रहता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता। इस तरह के खाने से पेट तो भर जाता है लेकिन शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती जाती है। बालों को भी बहुत नुकसान पहुंचता है। बाल रूखे और बेजान होने लगते है। बालों का सफेद होना और अनिश्चित समय पर झड़ना अधिकांशतः इसी कारण होता है।

कुछ नियम और टाइम मैनेजमेंट अपने जीवन में शामिल कर लें और अपनी चाहत को भी बदल लें तो हम बाहर के खाने से बच सकते हैं। हम ऑफिस या बाहर से थक कर लौटे तो कुछ ऐसे भोजन का चुनाव कर ले जो आसानी से और जल्दी पक जाता है जैसे दाल-चावल, जिसे घर में रखे हुए देशी घी, अचार, पापड़, सलाद और चटनी के साथ बड़े स्वाद से खाया जा सकता है। यदि यह भी सम्भव न हो और फास्ट फूड ही एक उपाय बचता हो तो कुछ सावधानियों के साथ उसके नुकसान को कम किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि हमें नूडल्स और पिज्जा बनाना है तो उसमें बहुत सारी हरी सब्जियां जैसे गाजर चुकंदर शिमला मिर्च आदि का अधिक प्रयोग कर उसे पौष्टिक बना सकते हैं।

फास्टफूड में उपयोग किये जाने वाले मैंदे के स्थान पर गेहूं के आटे का, पाव के स्थान पर रोटी का, टोमेटो सॉस के स्थान पर टमाटर का प्रयोग हितकर होगा। मीठी चटनी में शक्कर के स्थान पर गुड़ या खजूर का प्रयोग करना चाहिए। इन सबके साथ कच्ची सब्जियों का सलाद और अंकुरित आहार लेना चाहिए। फास्ट-फूड में कम कैलोरी और कम फैट वाली खाद्य सामग्री का चुनाव किया जाए और जितनी भूख हो उससे कम खाया जाए तो इससे वजन पर काबू रखा जा सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करना जॉगिंग करना ना भूलें। सम्भव हो तो लिफ्ट की जगह सीढ़ियों के इस्तेमाल करें। यह कोशिश हो कि ऐसे खाद्य पदार्थ का चुनाव करें जिसमें विटामिन और पोषक तत्वों की मात्रा की भी भरपाई हो जाए।

ये भी ध्‍यान रखें कि जो भी खाएं उसे धीरे धीरे चबा कर खाना चाहिए। पेय पदार्थ को भी खाने की ही तरह धीरे धीरे पीना चाहिये इससे पाचन क्रिया में आसानी होती है। चबा चबा कर भोजन करने पर भोजन का आनन्द भी मिलता है और जल्दी भोजन में तृप्ति मिल जाती है। कभी कभी सिर्फ आलस्य के कारण भी फास्ट फूड को लोग वरीयता देने लगते हैं तो सोचिए की सिर्फ जरा-सा आलस आपके शरीर को रोगी बना रहा है। अपने आपको समझाना होगा कि स्वास्थ्य- वर्धक भोजन आपके तन-मन दोनों को स्वस्थ रखेगा।

यदि आप घर में हैं तो दूध, दही, सलाद, मेवे, भुने हुए चने, भुनी हुई मूंगफली, नींबू पानी, गन्ने का रस, शहद आदि भी खाने की आदत डालनी चाहिए। मीठी चीजें यदि पसंद हैं तो खजूर, गुड़ और अंजीर खाएं–इनसे एनर्जी भी मिलती है और स्‍वाद भी। आजकल जंक फूड और फास्ट फूड फैशन की तरह अपनाया जाने लगा है। अगर इन सब चीजों को खाने की आदत पड़ गई हो तो परिवार और दोस्तों को बताएं कि आप इससे बचना चाहते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर आप इस आदत से छुटकारा हासिल कर सकते हैं

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ऋत्विक सिंह चंदेल

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