‘युज’ धातु से बना शब्द ‘योग’ व्यापक अर्थ धारण करता है, सामान्यतया इसका अर्थ है जोड़ना-मिलाना, व्यक्ति को व्यक्ति से, व्यक्ति को समष्टि से, आत्मा(जीवन) को जीव को परमात्मा से। ‘योगश्चित्त वृत्तिः निरोधः’ पतंजलि योग सूत्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के अन्तर्गत स्पष्ट किया कि चित्त की वृत्तियों का निरोध (अर्थात उन पर […]
