लोक संगीत में पर्व-त्योहार हमारे बहुत से पर्व और त्योहार प्रकृति मां की ऋतुओं के अनुकूल और संगीतमय होने से आनंदमय उत्सवों से जुड़ गए हैं और इनका माध्यम बने हैं लोकगीत। प्रकृति अपना खजाना चहुंओर उन्मुक्तता से लुटाती है और जोड़ती है नदी व वृक्ष और माटी की गंध से। हमारी पृथ्वी शेषनाग के […]
